भारत के 5 बदनाम बाजार जहां धडल्ले से होता है jism ka सौदा

नयी दिल्ली (ब्यूरो)। वेश्यावृत्ति को दुनिया का सबसे पुराना पेशा कहते हैं। ऎसा पेशा जो कभी खत्म नहीं हो सकता। वेश्यावृत्ति यानी जिस्म का धंधा अब मोबाइल हो गया है। वक्त के साथ इस धंधे को भी पहिए लग गये हैं। बाजार की जरूरत ने इसे हर जगह पहुंचा दिया है। बड़े-बड़े होटलों, आलीशान रिजॉर्ट्स और पुराने कोठों पर पर इसकी पहुंच तो पहले ही थी लेकिन अब ये धंधा पहुंच गया है सड़कों पर।
हालांकि यह धंधा महिलाओं की दैहिक स्वातंत्रता पर कलंक है। 1956 में पीटा कानून के तहत वेश्यावृत्ति को कानूनी वैधता दी गई थी पर 1986 में इसमें संशोधन करके कई शर्तें जोड़ी गईं। शर्त के मुताबिक सार्वजनिक सेक्स को अपराध माना गया और यहां तक कि इसमें सजा का प्रावधान भी रखा गया।
अब इसे दुर्भाग्य ही कहेंगे कि देश में ऐसी कई गलियां हैं जहां दिन ढलते ही घुंघरुओं की झनकार इस कदर झनकती है कि बाकी के सारे शोर दब जाते हैं। तो आईए आज आपको भारत के 10 ऐसे रेड लाइट एरिया के बारे में बताते हैं जिनका नाम एशिया में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में लिया जाता है।

दिल्‍ली का जीबी रोड

दि‍ल्‍ली स्थित जीबी रोड का पूरा नाम गारस्टिन बास्टिन रोड है। यह दिल्ली का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया है। हालांकि इसका नाम सन् 1965 में बदल कर स्वामी श्रद्धानंद मार्ग कर दिया गया। इस इलाके का भी अपना इतिहास है। बताया जाता है कि यहां मुगलकाल में कुल पांच रेडलाइट एरिया यानी कोठे हुआ करते थे। अंग्रेजों के समय इन पांचों क्षेत्रों को एक साथ कर दिया गया और उसी समय इसका नाम जीबी रोड पड़ा।

जीबी रोड के कोठों पर केबिन में दी जाती है सर्विस

जानकारों के मुताबिक देहव्यापार का यहां सबसे बड़ा कारोबार होता है, और यहां नेपाल और बांग्लादेश से बड़ी संख्या में लड़कियों की तस्करी करके यहां को कोठों पर लाया जाता है। वर्तमान में एक ही कमरे में कई केबिन बनें हैं, जहां एक साथ कई ग्राहकों को सेवा दी जाती है।

कोलकाता का सोनागाछी

देश के पूर्वी भाग के सबसे बडे महानगर सोनागाछी को एशिया का सबसे बड़ा रेडलाइट एरिया माना जाता है। अनुमान के मुताबिक यहां कई बहुमंजिला इमारते हैं, जहां करीब 11 हजार वेश्याएं देह व्‍यापार में लिप्‍त हैं।

सोनागाछी की वेश्याओं का है लाइसेंस

उत्तरी कोलकाता के शोभा बाजार के समीप स्थित चित्तरंजन एवेन्यू में स्थित इलाके में वेश्‍यावृत्ति से जुड़ी महिलाओं को बाकायदा लाइसेंस दिया गया है। यहां इस व्‍यापार को कई तरह के समूह चलाते हैं, जिन्‍हें एक तरह से गैंग कहा जाता है। एक अनुमान के मुताबिक इस स्लम में 18 साल से कम उम्र की करीब 12 हजार लड़कियां सेक्स व्यापार में शामिल हैं।

मुंबई का कमाठीपुरा

ये भारत का दूसरा सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया है। यहां कई यौनकर्मी रहते हैं जिनकी हालत बद से बदतर है। यहां छोटी सी बीड़ी बनाने की इंडस्ट्री भी है जिन्हें महिलायें चलाती हैं। 80 के दशक में हाजी मस्तान और दाऊद इब्राहिम जैसे गैंगस्टर यहां आया करते थे। 1880 में यह क्षेत्र अंग्रेजों के लिए ऐशगाह बन गया था।

ग्‍वालियर का रेशमपुरा

मध्य प्रदेश में एक तरह से सिंधिया परिवार की सरजमीं पर ग्वालियर में रेशमपुरा एक बड़ा रेडलाइट इलाका है। यहां देह व्‍यापार के लिए विदेशी लड़कियों के साथ मॉडल्स, कॉलेज गर्ल्स भी हैं। यहां एक तरह से कॉलेज गर्ल्स के लिए बाकायादा ऑफिस खोले जाने लगे हैं। इंटरनेट और मोबाइल पर आने वाली सूचनाओं के आधार पर कॉलगर्ल्स की बुकिंग होती है। कॉलगर्ल्स को ठेके पर या फिर वेतन पर रखा जाता हैं।

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